कभी चाँदनी रात में देख लिया तो पता है क्या होगा... क्या होगा जी…? कभी चाँदनी रात में देख लिया तो पता है क्या होगा... क्या होगा जी…?
अब ऐसा लगने लगा है वक्त जैसे थम गया है। अब ऐसा लगने लगा है वक्त जैसे थम गया है।
मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है। मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है।
कल गया, कल की तरह कल गया, कल की तरह
एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशियाँ। खो गयी एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशिया...
जब ख़ुदा का मुझे आसरा मिल गया लोग कहने लगे जाने क्या मिल गया जब ख़ुदा का मुझे आसरा मिल गया लोग कहने लगे जाने क्या मिल गया